Aparna Yadav
व्यक्तित्व
32 साल की अपर्णा बिष्ट 2011 में मुलायम परिवार की पुत्रवधू बनीं. अपर्णा और प्रतीक का विवाह प्रेम विवाह था और दोनों के बीच स्कूली दिनों में ही प्रेम हो गया था।
बाद में दोनों ने इंग्लैंड में साथ-साथ पढ़ाई की।
सार्वजनिक जीवन में दिलचस्पी रखने वाली अपर्णा की संगीत में भी बेहद दिलचस्पी है. वह क्लासिकल और सेमीक्लासिकल संगीत की शिक्षा ले चुकी हैं और बहुत अच्छी सिंगर भी हैं।
संगीतकार साजिद-वाजिद के निर्देशन में उनका एक म्यूज़िकल एल्बम आ चुका है जिसे सैफ़ई महोत्सव में मुलायम सिंह ख़ुद ज़ारी कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश विधासनभा चुनाव के पहले समाजवार्दी पार्टी की नेता और मुलायम सिंह (Mulayam singh yadav) की बहू अपर्णा यादव बीजेपी ((Aparna Yadav BJP) में शामिल हो गईं हैं।
इस बीच अपर्णा यादव कौन हैं और उनके राजनीतिक सफर के बारे में चर्चा शुरू हो गई है। अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं।
2014 में जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की प्रशंसा की थी तब वे लाइमलाइट में आयी थीं।
प्रतीक के राजनीति में न आने पर अपर्णा यादव से सास की इच्छा पूरी की है।
निजी जीवन
Aparna Yadav: अपर्णा यादव ने पति प्रतीक के साथ की थी लखनऊ में पढ़ाई, ऐसे हुई थी दोनों की शादी
मुलायम की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा का जन्म एक जनवरी 1990 को हुआ था। उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक मीडिया कंपनी में थे। सपा की सरकार में वह सूचना आयुक्त भी रहे।
अपर्णा की मां अंबी बिस्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं। अपर्णा की स्कूली पढ़ाई लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट से हुई है।
प्रतीक यादव को वह स्कूल के दिनों से ही जानती थीं। संगीत की शिक्षा व स्टेज शो के दौरान मुलाकातों का सिलसिला प्यार में बदल गया।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBसाल-2010 में अपर्णा और प्रतीक की सगाई हुई और दिसम्बर 2011 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए।
प्रतीक यादव और अपर्णा स्कूल में क्लासमेट थे। प्रतीक यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे।
विवाह समारोह का पूरा आयोजन मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में किया गया था।
अपर्णा और प्रतीक की एक बेटी है जिसका नाम प्रथमा है।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBAparna Yadav Education: अपर्णा ने इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स किया है जबकि प्रतीक ने लीड्स यूनिवर्सिटी से एम.एससी. इन मैनेजमेंट किया है।
अपर्णा ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से ली है। उन्होंने 2007 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। अपर्णा ने राजनीति विज्ञान, आधुनिक इतिहास और अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया है।
यूपी के बड़े राजनीतिक परिवार की बहू अपर्णा ने राजनीति को विषय के तौर पर भी गहनता से पढ़ा है। उन्होंने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री ली है।
अपर्णा ने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में नौ साल तक शास्त्रीय संगीत में औपचारिक शिक्षा ग्रहण की है। वह ठुमरी की कला में निपुण हैं।
वहीं अपर्णा के पति प्रतीक यादव लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट डिग्री ले चुके हैं। अपर्णा यादव का जन्म 1990 में हुआ था। अपर्णा के पिता का नाम अरविंद सिंह बिष्ट हैं। अपर्णा यादव को घूमने का शौक है वह कई यूरोपियन देश में घूम चुकी हैं। हैं।
अपर्णा ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से ली है। उन्होंने 2007 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। अपर्णा ने राजनीति विज्ञान, आधुनिक इतिहास और अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया है।
यूपी के बड़े राजनीतिक परिवार की बहू अपर्णा ने राजनीति को विषय के तौर पर भी गहनता से पढ़ा है। उन्होंने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री ली है।
अपर्णा ने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में नौ साल तक शास्त्रीय संगीत में औपचारिक शिक्षा ग्रहण की है। वह ठुमरी की कला में निपुण हैं।
वहीं अपर्णा के पति प्रतीक यादव लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट डिग्री ले चुके हैं। अपर्णा यादव का जन्म 1990 में हुआ था। अपर्णा के पिता का नाम अरविंद सिंह बिष्ट हैं। अपर्णा यादव को घूमने का शौक है वह कई यूरोपियन देश में घूम चुकी हैं। हैं।
Aparna Yadav: कैसे मुलायम की बहू बनीं अपर्णा यादव, CM योगी से भाई-बहन का रिश्ता
यूपी के चुनावी समर में भाजपा आज अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी अखिलेश यादव के घर में सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है। मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव आज समाजवादी कुनबा छोड़ भाजपा में शामिल हो रही हैं।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBअपर्णा 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट सीट से सपा के टिकट पर लड़ चुकी हैं। मुलायम सिंह परिवार का अहम हिस्सा होने के बावजूद वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना बड़ा भाई मानती हैं। तमाम मुद्दों पर पीएम मोदी की तारीफ करती हैं।
सीएम योगी को भाई मानती हैं अर्पणा यादव
अपर्णा यादव सीएम योगी को अपना बड़ा भाई मानती हैं। दोनों उत्तराखंड के रहने वाले हैं। यूपी के मुख्यमंत्री बनने से पहले भी योगी आदित्यनाथ की तारीफ अपर्णा यादव करती रही हैं। 2017 से पहले वह गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी आई थीं। इस दौरान उनकी योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात हुई थी। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद अर्पणा यादव और प्रतीक यादव ने वीवीआईपी गेस्ट में उनसे मिलकर बधाई दी थी। सीएम बनने के कुछ समय बाद ही योगी आदित्यनाथ अपर्णा यादव और प्रतीक यादव के साथ लखनऊ में कान्हा उपवन देखने गए थे जहां दोनों के बीच गो-सेवा पर लम्बी बातचीत हुई थी।
अपर्णा यादव के भाजपा में जाने की अटकलें तब भी लगी थीं लेकिन पत्रकारों से बातचीत में इस सम्भावना को खारिज करते हुए अपर्णा यादव ने तब कहा था कि मैं कहीं नहीं जा रही हूं। सीएम योगी एक पशु प्रेमी हैं।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBबस इसी वजह से हमने उन्हें यह जीवाश्रम देखने का न्यौता दिया था। कान्हा उपवन में लावारिस पशु के साथ गाय, भैंस और कुत्तों को रखा जाता है। वहां इनकी देख-रेख होती है।
अपर्णा यादव की भाजपा की ओर आकर्षण तब भी देखने को मिला था जब एक पारिवारिक समारोह में पीएम मोदी के आने पर उन्होंने उनके साथ फोटो ली थी। 2017 के चुनाव से पहले भी वह आए दिन पीएम मोदी की तारीफ करती दिखती थीं।
बीजेपी में आईं अर्पणा यादव ने कहा, "मैं हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित रही हूं।
" उन्होंने कहा, "मैं अब देश के लिए बेहतर करना चाहती हूं। मैं हमेशा भाजपा की योजनाओं से बहुत प्रभावित रही हूं. मैं पार्टी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी।"
फ़ोटो सोशल मीडिया FBयूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "हम आपका भाजपा परिवार में स्वागत करते हैं। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि मुलायम सिंह यादव की बहू होने के बावजूद उन्होंने (अपर्णा ने) अक्सर भाजपा के काम की सराहना की है।"
कैसे हुई राजनीति में इंट्री
अपर्णा यादव 2017 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में कुछ खास सक्रिय नहीं थीं। 2017 में समाजवादी पार्टी राजनीतिक और पारिवारिक कलह से जूझ रही थी।
इस दौरान प्रतीक यादव की मां और मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने बेटे प्रतीक यादव (Pratik Yadav) के लिए टिकट मांगा था।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBइसको लेकर काफी विवाद हुआ। प्रतीक के राजनीति में न आने पर अपर्णा यादव से सास की इच्छा पूरी की। इसके बाद साधना के परिवार से अपर्णा सक्रिय राजनीति में आ गईं।
रीता बहुगुणा से मिली थी पराजय
अपर्णा यादव ने 2017 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से लड़ा था। उस चुनाव में उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था।
गौरतलब है कि इस बार रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से अपने बेटे के लिए भाजपा का टिकट मांग रही हैं। उन्होंने कल ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखकर बेटे को टिकट दिलाने के लिए खुद इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा।
रीता बहुगुणा का कहना है कि पार्टी ने एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का नियम बनाया है। इस नियम के सम्मान में उन्होंने बेटे को टिकट दिलाने के लिए अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
समर्थन का गणित
3.15 लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर 60 हज़ार ब्राह्मण हैं, 50 हज़ार दलित, 40 हज़ार वैश्य और 30 हज़ार पिछड़े वर्ग के मतदाता।
इस सीट से समाजवादी पार्टी ने कभी चुनाव भी नहीं जीता है और यह बीजेपी की गढ़ माने जाने वाली सीट है. इस लिहाज से देखें तो अपर्णा यादव के बीजेपी में आने से अपर्णा यादव को ज़्यादा फ़ायदा होता दिख रहा है।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBबीजेपी के अंदर इस बात को महसूस किया गया कि शिवपाल यादव के साथ समझौता नहीं करने की जो ग़लती हुई है, उसकी भरपाई होनी चाहिए और इसी वजह से अपर्णा को शामिल किया गया है।
वोटों की राजनीति पर इसका भले असर नहीं हो, लेकिन परसेप्शन में यह बात तो जाएगी कि अखिलेश यादव से उनका अपना परिवार नहीं संभल रहा है."
लखनऊ कैंट सीट
दूसरी ओर अपर्णा यादव की भी इस सीट को लेकर अपनी दावेदारी मज़बूती से रखती रही हैं. इस सीट से अपर्णा यादव के लगाव का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब 2017 में अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव से अलग रास्ता लिया तो भी उन्होंने लखनऊ कैंट से अपर्णा यादव को उम्मीदवार बनाए रखा था।
तब कहा जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का फ़ैसला लिया था और पिता के प्रति नरमी दिखाते हुए अखिलेश ने उनका टिकट बनाए रखा था।
यह दौर तब था जब एक ही घर में रहने के बाद मुलायम सिंह यादव के दोनों बेटों के आपसी रिश्ते बहुत सहज नहीं माने जाते थे।
लखनऊ कैंट में अपर्णा ने बढ़ाया जनसंपर्क
अपर्णा यादव लगातार लखनऊ कैंट क्षेत्र में अपना जनसंपर्क बढ़ाती आ रही हैं। हालांकि चर्चा थी कि इस पर सपा उन्हें कैंट से टिकट नहीं देगी। इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपर्णा यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए बीजेपी में शामिल हो गईं।
पार्टी के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक लखनऊ कैंट सीट से इलाके के स्थानीय पार्षद राजू गांधी का दावा सीट के लिए अपर्णा यादव से कहीं ज़्यादा मज़बूत है और बहुत संभव है कि पार्टी उन्हें ही अपना उम्मीदवार बनाए। हालांकि पिछले नौ-दस सालों से अपर्णा इसी इलाके में जीव आश्रय नामक एनजीओ चलाती रही हैं।
Aparna Yadav के बीजेपी में जाने पर बोले
अखिलेश यादव- नेताजी ने बहुत समझाया,
लेकिन खुशी है...
Aparna Yadav Joins BJP:
अपर्णा यादव के बीजेपी में जाने पर अखिलेश यादव का बयान आ गया है. उन्होंने कहा कि अपर्णा यादव को नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने काफी समझाया था।
लेकिन वह नहीं मानीं। उन्होंने अपर्णा को बीजेपी में जाने की बधाई भी दी।
अपर्णा को नेताजी ने समझाया था - अखिलेश यादव
अपर्णा से जुड़े सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे पहले मैं बधाई और शुभकामना दूंगा, सपा विचारधारा का विस्तार हो रहा है. मुझे उम्मीद है वहां भी हमारी विचारधारा होगी. नेता जी ने उन्हें बहुत कोशिश की समझाने की।
अपर्णा क्या टिकट नहीं मिलने पर गईं? इसपर अखिलेश बोले टिकट अभी पूरे नही बांटे हैं, यह इंटरनल रिपोर्ट और जनता के मन पर निर्भर होता है कि किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं।
फ़ोटो सोशल मीडिया FBअपर्णा ने की थी पीएम मोदी की तारीफ
फ़ोटो सोशल मीडिया FB
इससे पहले अपर्णा यादव के बीजेपी में आने के बाद जब अखिलेश यादव के बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
अपर्णा से पूछा गया कि क्या सपा राष्ट्रधर्म को नहीं निभाती? इसपर अपर्णा ने कहा कि वह परिवार से विमुख होकर कोई बात नहीं कहना चाहतीं।
वह बोली कि यह मेरा निजी विचार है कि पिछले पांच सालों में जिस तरह से प्रदेश में सीएम योगी ने काम किया है, जितनी स्कीम आई हैं वह प्रभावशाली है। उन्होंने पीएम मोदी की भी तारीफ की थी।
बीजेपी में आईं अर्पणा यादव ने कहा, "मैं हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित रही हूं।" उन्होंने कहा, "मैं अब देश के लिए बेहतर करना चाहती हूं। मैं हमेशा भाजपा की योजनाओं से बहुत प्रभावित रही हूं।
मैं पार्टी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी।"
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